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मेरी पावन शिव काशी




मेरी पावन शिव काशी


तत्व परम कल्याणजनक ही, बना हुआ काशी वासी;

सबके मन को मंत्रमुग्ध ,कर देते शंकर अविनाशी;

तरस रहे हैं सब छूने को, काशी की पावन माटी;

शिव-शिवता से सराबोर है, मेरी पावन शिव काशी।


सुर-लय-ताल-गीत-संगीता, से सज्जित काशी वासी;

संगीतों के मधुरालय में, सहज थिरकते रनिवासी;

ढोल-मजीरा की स्वरलहरी,चूमा करती कण-कण को;

गीत-प्रेम का महाकुंभ है, मेरी पावन शिव काशी।


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1 Comments

Muskan khan

09-Jan-2023 05:58 PM

Well done

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